हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मन ला याहज़ूर अलफ़ाकीह" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الکاظم علیه السلام
رَجَـبٌ نَهْـرٌ فِى الْجَنَّـةِ أَشَدُّ بَياضا مِنَ اللَّبَنِ وَ أَحْلى مِنَ الْعَسَلِ، فَمَن صامَ يَوْما مِنْ رَجَبٍ سَقاهُ اللّه ُ مِنْ ذلِكَ النَّهْرِ
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने फरमाया:
रजब जन्नत में एक नहर का नाम हैं,जो दूध से ज्यादा सफेद और शहद से ज़्यादा मीठी है और जो भी माहे रजब में एक दिन रोज़ा रखेगा तो अल्लाह ताला इसे इस नहर से सेराब फरमाएगा,
मन ला याहज़ूर अलफ़ाकीह,भाग 2,पेंज 56,